Rumored Buzz on shiv chalisa lyrics in hindi
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चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
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अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥
बुधवार – आप दीर्घायु तथा सदैव निरोगी रहते हैं.
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे get more info उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
काम की बात श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण महाभारत फनी जोक्स चुटकुले